Sikandar Ka Muqaddar Movie Review : सिकंदर का मुकद्दर 29 नवंबर को हुआ नेटफ्लिक्स पर रिलीज क्या है कहानी जाने।
सिकंदर का मुकद्दर : एक क्राइम थ्रिलर ड्रामा फिल्म आई है नेटफ्लिक्स पर जिसमें तमन्ना भाटिया, जिम्मी शेरगिल और मूवी में है एक सिकंदर नाम का लड़का जिसकी एक्टिंग अविनाश तिवारी कर रहे है जो 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुआ है हीरा चोरी होने की कहानी को दिखाया गया है।
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया है यह एक क्राइम , थ्रिलर और ड्रामा फिल्म है ढाई घंटे से कम वाली फिल्म है क्योंकि 2 घंटे 15 आप देखेंगे और बाकी के 15 मिनट आपको देख लेगी इनडायरेक्ट चैलेंज कर रही है हर उस शख्स को जो इस फिल्म को मामूली समझने की गलती कर रहा है ये चाहती है कि आप इसको हल्के में लो और क्लाइमैक्स इसका हल्का साबित कर दे नीरज पाण्डेय ने स्पेशल 26 और बेबी जैसी टॉप थ्रिलर फिल्म बनाए है थ्रिलर न सही लेकिन ओटीटी पर स्वागत करो नीरज पाण्डेय फिर से मिस्टी की दुनिया में सिकंदर का मुकद्दर के साथ देखने को मिलेगे। क्या है सिकंदर का मुकद्दर फिल्म रिव्यू जाने।
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म रिव्यू
इस फिल्म में होती है एक चोरी जो होती है एग्जीबिशन में और ये चोरी कोई छोटी मोटी चोरी नहीं है ये पूरी 50, 60 करोड़ के डायमंड चोरी हो जाते है जिसका इन्वेस्टिगेशन करने आते है इन्वेस्टिंग ऑफिसर जसविंदर सिंह जोकि इसका रौल जिम्मी शेरगिल करते है उनका शक जाता है
तीन लोगों पर शामिल सिकंदर , कामिनी सिंह जोकि इसका रौल तमन्ना भाटिया कर रहे है और एक मैनेजर के ऊपर कर रहे है जिम्मी शेरगिल को पूरा यकीन है कि चोरी इन तीनों में से कोई की है क्योंकि इनकी शक कभी गलत नहीं होता है और जब इस सब का इन्वेस्टिगेशन करते है तो बहुत सारी चीजें सामने आती है शुरुआती में मनोरंजन काफी अच्छा है कैमरा वर्क कमाल का है
आप कई शॉर्ट देखेंगे जो सिंगल टेक है जो दरअसल अलग अलग कैरेक्टर को फॉलो करते हुए लगातार शॉर्ट्स की तरह लिए गए है बात करे सिकंदर की तो सस्पेक्ट होने के बाद उसके लाइफ पूरी तरह बदल जाती है क्योंकि ये इन्वेस्टिगेशन पूरे 15 साल और उन 15 साल में क्या क्या कांड होते है सिकंदर के लाइफ में और क्या जसविंदर सिंह का शक इस बार सच में काम कर जाता है
क्या चोर कौन है ये भी पता लगा पाते है या नहीं ये सब आपको देखने के बाद ही पता चलेगा इस फिल्म को देखने में बजा तो जरूर आएगा बात करे सस्पेंस बिल्डअप की तो हा है कई जगहों पर आपको शौख लगेगा कि ये क्या हो गया और कई जगह आपको ये लगेगा कि जो मैं सोचा वही वो रहा है शुरआती में मनोरंजन रहता है और जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ता है वैसे वैसे मनोरंजन कम होने लगता है और सस्पेंस भी उम्मीद के मुताबिक होने लगता है एंड आते आते सस्पेंस फिर से एक बार बढ़ने लगता है लेकिन क्योंकि नीरज पाण्डेय की डायरेक्टेड ये फिल्म है जिन्होंने इस फिल्म के पहले स्पेशल 26, बेबी जैसे स्पेशल थ्रिलर फिल्म दिए है
जिसमें एंड तक सस्पेंस पेरिडिक्ट करना मुश्किल था लेकिन इस फिल्म फिफ्टी फिफ्टी है मतलब ज्यादा तर को ये फिल्म पेरिडिक्ट कर जाएगी एंड थोड़ा अजीब सा है एक्टिंग और परफॉर्मेंस सभी का अच्छा है कोई कमी नजर नहीं आती है फिल्म में एक गाना था जोकि उतना महत्वपूर्ण नहीं था कोई वल्गर सीन वगैरा नहीं है कोई खून खराबा नहीं है लेकिन इसमें गालिया सुनने को मिलेगी इस फिल्म को देख सकते हो अगर गालियां अच्छी लगती है एक बार इस फिल्म को देखनी चाहिए मेरे तरह से इस फिल्म को 5 स्टार में से 3 स्टार मिलेगा ।
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